अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा माथे पे चन्द्र सोहे अंगो पे विभूति लगाये त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa