चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…” आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो मंज़र लखनवी टैग : दिल शेयर कीजिए मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ !! “शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम तिरी ख़ुशबू मिरी चादर से नहीं जाती https://youtu.be/Lug0ffByUck