हस्तैर्मुद्गरपाशवज्ररशनाः सम्बिभ्रतीं भूषणैः व्याप्ताङ्गीं बगलामुखीं त्रिजगतां संस्तम्भिनीं चिन्तये ॥ ३॥ Goddess Bagalamukhi reminds her worshipers about the key benefits of interior stillness and the strength of transformation. गदाभिघातेन च दक्षिणेन पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि ॥ २॥ मकर संक्रांति की शुभकामनाएं: मकर संक्रांति को पूरे देश में लोग बड़े हर्ष और https://baglamukhi98642.blogs100.com/32855511/the-single-best-strategy-to-use-for-mahavidya-baglamukhi